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भावार्थ – भगवान् श्री रामचन्द्र जी के द्वार के रखवाले (द्वारपाल) आप ही हैं। आपकी आज्ञा के बिना उनके दरबार में किसी का प्रवेश नहीं हो सकता (अर्थात् भगवान् राम की कृपा और भक्ति प्राप्त करने के लिये आपकी कृपा बहुत आवश्यक है) ।
नाली के कीड़े से ब्राह्मण कुमार तक - प्रेरक कहानी
tinoTinoThree lokLokWorlds hānkaHānkaFear te kāpaiTe kāpaiShake / tremble Indicating: You on your own can endure your own personal electric power/splendor. All 3 worlds (Svarka, Patala and Pritvi) would tremble at your roar.
We feel it doesn’t seriously matter assuming that your coronary heart is crammed with devotion, your mind is pure and you have taken care of very good hygiene benchmarks throughout the period of chanting, studying or reciting.
लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु ।
Some great benefits of chanting (reading or reciting) Hanuman Chalisa strains is thought to appeal to Shri Hanuman Ji’s grace – invoking his divine intervention to get rid of concern and fix critical troubles in daily, content and spiritual everyday living.
manaManaMind / thought kramaKramaActions / deed vachanaVachanaWords dhyānaDhyānaMeditate / contemplate jo lāvaiJo lāvaiWho retains / applies This means: Lord Hanuman releases from afflictions, sufferings more info and difficulties for people who keep in mind/meditate him in ideas, words and deeds.
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥ और देवता चित्त न धरई ।
Currently being the preferred hymn in praise of Hanuman, the Hanuman Chalisa is recited by numerous Hindus every day, equally in fantastic occasions and lousy.
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥ जय जय जय हनुमान गोसाईं ।
व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।
व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।
भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।
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